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@hwnewsnetwork 1998 में पोखरण परीक्षणों के बाद, दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त (राजदूत) लक्ष्मी चंद जैन ने वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए परमाणु परीक्षणों का खुलकर विरोध किया।
जरा सोचिए - एक राजदूत ने अपने ही देश का विरोध किया।
दक्षिण अफ्रीका ने डरबन शिखर सम्मेलन में अपने भारत-विरोधी एजेंडे को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया, भारत के परमाणु परीक्षण का विरोध करने वाले भारत के अपने राजदूत ने किया।
यह वाजपेयी की त्वरित कार्रवाई और बृजेश मिश्रा की बुद्धिमत्ता थी कि उन्होंने धमकाने वाले दक्षिण अफ्रीका में शासन किया। उच्चायुक्त लक्ष्मी चंद जैन को तुरंत वापस बुलाया गया।
जैन, मोटी चमड़ी वाले थे, उन्होंने याद को परिभाषित किया, और तब तक रुके रहे जब तक कि उन्हें भारत द्वारा व्यक्तित्वहीन व्यक्ति घोषित नहीं किया गया। दिल्ली लौटने के बाद, उन्होंने 10 जनपथ का दौरा किया।
2011 में, कांग्रेस सरकार ने अपने ही देश के खिलाफ जाने के लिए लक्ष्मी चंद जैन को पद्म विभूषण - भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार - से सम्मानित किया।
क्या आप जानते हैं कि उनका बेटा कौन है?
NDTV के श्रीनिवासन जैन, रवीश, प्रणॉय रॉय और एनडीटीवी में मानद पाकिस्तानियों के पूरे सांप के गड्ढे के साथ-साथ बीजेपी-जाने-माने।
एक स्तंभकार - राजीव मनेरी के बाद, एलसी जैन के अपने देश के खिलाफ जाने के मुद्दे को सामने लाया, श्रीनिवासन जैन ने उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाने के गंभीर परिणामों के साथ धमकी दी।
यह वही श्रीनिवासन जैन हैं जो प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं जो मोदी के अधीन हैं।

1998 में पोखरण परीक्षणों के बाद, दक्षिण अफ्रीका में भारत के उच्चायुक्त (राजदूत) लक्ष्मी चंद जैन ने वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए परमाणु परीक्षणों का खुलकर विरोध किया।
जरा सोचिए - एक राजदूत ने अपने ही देश का विरोध किया।
दक्षिण अफ्रीका ने डरबन शिखर सम्मेलन में अपने भारत-विरोधी एजेंडे को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया, भारत के परमाणु परीक्षण का विरोध करने वाले भारत के अपने राजदूत ने किया।
यह वाजपेयी की त्वरित कार्रवाई और बृजेश मिश्रा की बुद्धिमत्ता थी कि उन्होंने धमकाने वाले दक्षिण अफ्रीका में शासन किया। उच्चायुक्त लक्ष्मी चंद जैन को तुरंत वापस बुलाया गया।
जैन, मोटी चमड़ी वाले थे, उन्होंने याद को परिभाषित किया, और तब तक रुके रहे जब तक कि उन्हें भारत द्वारा व्यक्तित्वहीन व्यक्ति घोषित नहीं किया गया। दिल्ली लौटने के बाद, उन्होंने 10 जनपथ का दौरा किया।
2011 में, कांग्रेस सरकार ने अपने ही देश के खिलाफ जाने के लिए लक्ष्मी चंद जैन को पद्म विभूषण - भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार - से सम्मानित किया।
क्या आप जानते हैं कि उनका बेटा कौन है?
NDTV के श्रीनिवासन जैन, रवीश, प्रणॉय रॉय और एनडीटीवी में मानद पाकिस्तानियों के पूरे सांप के गड्ढे के साथ-साथ बीजेपी-जाने-माने।
एक स्तंभकार - राजीव मनेरी के बाद, एलसी जैन के अपने देश के खिलाफ जाने के मुद्दे को सामने लाया, श्रीनिवासन जैन ने उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाने के गंभीर परिणामों के साथ धमकी दी।
यह वही श्रीनिवासन जैन हैं जो प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं जो मोदी के अधीन हैं।

@hwnewsnetwork दल्ले वामपन्थी विदेशी चमचे विनोद दुआ बलात्कार का भी आरोपी है। तब सारे चाटुकार दल्ले पत्तलकार मीडिया हाउस का मुंह आंख नाक कान सब बन्द हो गया था।

Watch ""रामायण" विरोधी सेना !" on YouTube youtu.be/lMYlAyOltdw

Watch "Art 1, India that is bharat ,of constitution of india rejected by Supreme Court of India D K Dubey" on YouTube youtu.be/4jXwfG64qPk

मोहम्मद इस्माइल मुस्लिम लीग के मद्रास प्रांत के बड़े नेता थे। 1946 के चुनाव में प्रांत अध्यक्ष रहते उन्होंने जिन्ना को मद्रास की सभी मुस्लिम रिजर्व 28 सीटें जिताकर दी थी ताकि जिन्ना अलग इस्लामिक देश पाकिस्तान बना सके। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान बन गया लेकिन आपने आज तक एक भी मद्रासी मूल का पाकिस्तानी नहीं देखा होगा।

क्योंकि जिन मोहम्मद इस्माइल ने 1946 में जिन्ना को मद्रास में विजय दिलाई वो ना तो खुद पाकिस्तान गए ना उनके कहने पर जिन्ना को वोट देने वाला उनका कोई समर्थक।

तो अब सवाल ये है कि पाकिस्तान बनवाने के बाद मोहम्मद इस्माइल ने भारत में रह कर क्या किया। मोहम्मद इस्माइल ने 1948 में एक नई पार्टी बनाई और उसका नाम रखा ऑल इंडिया मुस्लिम लीग और भारत को ही पाकिस्तान बनाने के काम में जुट गए।

और जिस कांग्रेस के खिलाफ 1940 के दशक में वो जिन्ना के नेतृत्व में लड़ रहे थे आज उसी कांग्रेस के साथ मिलकर केरल में चुनाव लड़ते हैं। साल 1946 में जिन्ना के साथ मिलकर पाकिस्तान बनवाने वाले मोहम्मद इस्माइल के सम्मान में भारत सरकार डाक टिकट जारी किया। देश को विभाजित करने वालों का ऐसा सम्मान विश्व के किसी और देश ने नहीं किया होगा।

कल जो पार्टी जिन्ना को जीताकर पाकिस्तान बनाना चाहती थी आज वो ही पार्टी राहुल गांधी को वायनाड से जीताकर पीएम बनाना चाहती है।

और हमें क्या बताया गया

केरल सबसे पढ़ा लिखा राज्य है इसलिए लोग इतने समझदार हैं कि आज तक सांप्रदायिक पार्टी बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई।

ये किसी ने नहीं बताया कि पढ़-लिख कर लिबरल बनने का शौक एक ही कम्युनिटी को है दूसरे तो आज भी लीग बनाकर बैठे है किसी जिन्ना के इंतजार में...

देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे। twitter.com/narendramodi/statu
#India #Narendra #Modi

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आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए हमने न केवल MSMEs सेक्टर की परिभाषा बदली है, बल्कि इसमें नई जान फूंकने के लिए कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इससे संकटग्रस्त छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे। twitter.com/narendramodi/statu
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'जय किसान' के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट ने अन्नदाताओं के हक में बड़े फैसले किए हैं। इनमें खरीफ की 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही 3 लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है। twitter.com/narendramodi/statu
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मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदुओं के साथ उनके घर में घुसकर मारपीट हत्या का प्रयास अत्याचार के खिलाफ यह FIR एक अधिवक्ता होने के नाते जैसे तैसे थाना चंडौस जनपद अलीगढ़ में पंजीकृत तो कर दी गयी , पंजीकृत होने के बाद पुलिस ने 2 दिन तक तो अभियुक्तों की धरपकड़ में बहुत सक्रियता दिखाई और जैसे ही मुल्जिमानों ने पुलिस की जेब गर्म कर दी तो उल्टा पीड़ित परिवार को ज्ञान बघारने लगे कि हम अन्वेषण अपने तरीके से करेंगे,और जेब गर्म होने के बाद से सारी की सारी सक्रियता ठंडे बस्ते में डाल दी गयी । .....और बहुत सारे उदाहरणों से मैने ये फील किया है कि व्यवस्था रूपी धुरी के दो पहिये एक शासन दूसरा प्रसाशन हैं ...आज प्रसाशन रूपी पहिये का ज़मीर लालच ओर रिस्वत में बिक चुका है ....कोई ठोस कदम इस प्रसाशन रूपी पहिये को दुरुस्त करने के लिए और भी इससे कही अधिक इसको सबक सिखाने के लिए उठाना चाहिए ....नागेन्द्र चौहान (अधिवक्ता) ...

1. विदेशों (इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, मलेशिया, चीन आदि) से हज़ारों की संख्या में गरीब लफंगे टाइप के मुसलमान दिल्ली में बुलाये गये।

2. वीसा अवधि समाप्त होने पर ये वापस नहीं गये बल्कि भारत के तमाम शहरों की मस्जिदों में छिप गये लगभग 900 अभी तक ढूँढे नहीं जा सके।

3. ये पूरे देश मे खपा दिये गये एक organised तरीके से।

4. अगर कोरोना न फैलता तो क्या इनको कोई ढूँढता ?

5. शायद इनके बारे में कोई सोचता भी नही, ढूँढने की तो बात दूर है।

6. असल में किसी को इनमे इतनी रुचि भी नहीं थी कि इनकी ऐसे गतिविधियों पर कोई ध्यान दे और सोचे कि ऐसी कोई जमात या मीटिंग भी होती है और उसका असल मकसद क्या है?

7. क्या इनका मकसद सिर्फ धार्मिक बातें या मीटिंग करना है ? अब यह एक सोचने का विषय बन गया है।

8. कोरोना के पहले इस देश में कितनी बार तब्लीगी जमात या किसी अन्य जमात में कितने विदेशी मुसलमान कितनी बार कब -कब बुलाये गये और उनमें से कितने वापस गये, किसी ने सोचा ?

9. और ये अपने आप को छिपा क्यों रहे हैं ? इनको छिपाने के लिये डॉक्टरों और पुलिस टीम पर पथराव लगभग सभी जगह हो रहा है , एक ही पैटर्न में organised तरीके से, क्योकि अगर पकड़े गये तो गिनती होगी, कागज चेक होंगे, deportation होगा।

10. एक और बात ध्यान देने की यह है कि इन इंडोनेशिया आदि से आये लोगों की मोरादाबाद, बरेली, इलाहाबाद, लखनऊ और देश के अन्य छोटे शहरों में इनकी क्या connection, जान- पहचान या रिश्तेदारी हो सकती है जबकि ये हिंदी भी बोलना नही जानते?

11. अगर आप इन इंडोनेशिया आदि से आये लोगों को ध्यान से देखें तो यह कोई बहुत अच्छी हैसियत के लोग भी नहीं दिखते।

12. अगर कोई विदेशी वीसा अवधि के बाद भी वापस नही जाता तो उसको 137 करोड़ जनसंख्या वाले देश मे ढूँढना बहुत मुश्किल होता है, खास तौर से अगर उसका उद्देश्य ही इस देश मे खपने का हो।

देश में deportation करने का process और उसकी कानूनी कार्यवाही बहुत लंबी और पेचीदगी भरी है।

13. deportation process और भी complicated हो जाता है अगर कोई ऐसा विदेशी भारत मे चार शादी करके 26 बच्चे पैदा कर ले तो उसके सभी परिवार को कानूनी अधिकार भी मिल जाते हैं, personal law की दुहाई भी दी जाती है।

14. स्थिति साफ होती जा रही है की धार्मिक मीटिंग के आड़ में क्या चल रहा है? *भारत में दारुल हरब से दारुल इस्लाम बनाना ही इनकी रणनीति है।*

15. और अगर ये सब किसी पुरानी सरकार के वोट बैंक को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य की आड़ में organised तरीके से किया जा रहा हो तो मामला NIA द्वारा गंभीर जाँच पड़ताल का बनता है।

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