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Step By Step Guide To E-Filing & VC Hearing Procedure In Urgent Matters In Delhi High Court - bit.ly/3c3shje

Chaired a meeting on strengthening our MSME sector, which plays a pivotal role in economic development. There were extensive discussions on ways to make this sector more vibrant, attractive and ready to embrace new opportunities. twitter.com/narendramodi/statu
#India #Narendra #Modi

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वाराणसी के चौबेपुर थाना प्रभारी अपनी जिम्मेदारी नही निभा पा रहे हैं ।इलाके में शराब की तस्करी हो रही हैं और जब मीडिया में बात फैली तब जा कर वर्क आउट कर दिए और अब नया मामला इनके उपनिरीक्षक टिक टॉक बना रहे हैं सरकारी गन और सरकारी जीप से मगर उनको कोई जानकारी ही नही हो पा रही हैं।ऐसे में एक सवाल है कि जब अपने इलाके में ये महोदय कैसे कानून व्यवस्था चला पा रहे होंगे ।

लॉक डाउन में बाहर निकलने का दंड 😂

ध्यान से मुल्ले का दायां हाथ देखिये।क्या कारगुजारी कर रहा है?

The Delhi High Court is set to hear on Monday a plea seeking to restrain online media-streaming platform @netflix@twitter.com Netflix from airing its web series #Hasmukh " for allegedly maligning the image and reputation of lawyers. [PTI]

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क्या आप भारत मे हैं।नही आप छद्म सेकुक्कुर कम मुल्ला मुल्क में ज्यादा है।सोइये क्योंकि ये झारखंड में हुआ है आपके राज्य में नही।लेकिन, बहुत जल्द ये आपके साथ होने वाला है।

Part 1

जब मोदी जी ने 14 अप्रैल को कहा कि 20 अप्रैल से लॉक डाउन में छूट दी जाएगी तब तो किसी ने इसका विरोध नहीं किया, किसी ने इसको सबका विश्वास से नहीं जोड़ा.

जब 15 अप्रैल को गाइडलाइन जारी हुई तब भी किसी ने कुछ नहीं कहा, किसी ने इसको सबका विश्वास से नहीं जोड़ा.

जब ई कॉमर्स को छूट देने की बात सामने आई तो सब बड़ा उछल उछल कर कह रहा था कि सबकी दुकान खोली जाए, केवल ई कॉमर्स को ही छूट क्यों दे रहे, सबको दें.

फिर 19-20 अप्रैल को स्पष्टीकरण आया कि ई कॉमर्स के जरिए केवल आवश्यक वस्तुओं को बेचने/खरीदने की छूट होगी.

फिर 21 अप्रैल को सरकार की तरफ से दिशनिर्देशों में स्टेशनरी, बिजली, मोबाइल रिचार्ज, कृषि संबंधी आदि व्यवसाय को लॉक डाउन से छूट दी गई तब तो किसी ने इसको सबका विश्वास से नहीं जोड़ा, किसी ने इन छूटों का विरोध नहीं किया!

यहां तक तो न कोई रमजान था न कोई अन्य त्योहार.

पर जैसे ही सरकार ने 24 अप्रैल को कहा कि स्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकृत सभी दुकानें 25 अप्रैल से खोलने की छूट दी जाती है, वे दुकानें जो नगर निगम या नगरपालिका की सीमाओं के अन्तर्गत आती है उन्हें अनुमति दी जाएगी. और मॉल में जो दुकानें है उन्हें भी अनुमति नहीं होगी. हॉट स्पॉट ज़ोन या कंटेनमेंट ज़ोन में लॉक डाउन से किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जाएगी..

बस इतनी सी बात कही और तुरंत कट्टर हिन्दू तलवारें निकाल लिए.. मोदी सरकार के खिलाफ एक से एक निम्नतम स्तर की पोस्ट करना शुरू कर दिए.. किसी ने इसको सबका विश्वास से जोड़ा तो कोई रमजान से जोड़कर घटिया पोस्टें करने लगा. सरकार को नपुंसक कहना शुरू कर दिया..

वाह भाई इतना दोगलापन?? आलोचना के नाम पर या विरोध के नाम पर ये दोगलापन आखिर कब तक ?? कब तक घड़ी के पेंडुलम की तरह कभी इधर तो कभी उधर डोलते रहोगे??

कुछ लोगों की आंखों पर हिन्दू मुस्लिम का चश्मा इतना गहरा चढ़ गया है कि वो हर बात को मोदी और मुस्लिमों के तुष्टिकरण से जोड़ देंगे।

वो ये नही देखेंगे कि पहले से कितने क्षेत्रों के छूट थी। तो क्या वो भी मुस्लिम के लिए थी? तब भी रमजान था क्या?

या अभी जितनी दुकानें खुल रही थी वहाँ रमजान का सामान नही मिल रहा था?

अगर अब किताबो, मोबाइल रिचार्ज और इलेक्ट्रिशियन की दुकानें खुलती तो मुस्लिम लोग और रमजान से सीधा सीधा क्या कोई मतलब बनता है?

जब पहले से ही 3 जोन में शहरों को बांट कर ये छूट दी जा चुकी थी फिर भी ये लोग बौराये रहते। हर जगह बेवजह धर्म का एंगल ढूंढ कर अपनी कुंठा मिटाते रहते।

ये लोग इस देश में ऐसी सरकार डिजर्व ही नहीं करते, इनके लिए कांग्रेस ही सही है। कहते है अपीजमेंट कर रही है.. 370 हटा कर, नागरिकता संशोधन कानून बना कर, एनआरसी की बात करके किसका अपिजमेंट किया है सरकार ने?? बताओ तो ?? किसका विश्वास जीतने के लिए ये सब किया था ?? कौन सा विश्वास जीत लिया ??

2 कौड़ी की समझ नहीं.. वो भी सही गलत नीतियों पर ज्ञान देते है.. खुद को मोदी से ज्यादा समझदार समझते है.. चले है बिना बात की आलोचना/विरोध करने..

जम्मू और कश्मीर में जम्मू के युवाओं के खिलाफ साजिश रची गई

मेधावी जम्मू के युवाओं ने 1200 बैंकिंग एसोसिएट्स और 250 पीओ के लिए जेके बैंक की परीक्षाओं में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।
परिणाम घोषित करने के बजाय, जम्मू-कश्मीर सरकार ने कश्मीर में "शांतिपूर्ण" प्रदर्शन करने की पूरी कवायद रद्द कर दी।

ठगे गए जम्मू के युवक गुस्से से आग बबूला हो गए।

कहां हैं MoS जितेंद्र सिंह?
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा कहां हैं?
कहां है सांसद जुगल किशोर?
कहां है सांसद शमशेर सिंह?
पूर्व उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह कहां हैं?
कहां है पूर्व स्पीकर कविंदर गुप्ता?
जेके भाजपा प्रमुख रविंदर रैना कहां हैं?
अशोक कूल कहाँ है?
उन्हें जम्मू के युवाओं को न्याय दिलाने में हस्तक्षेप करना चाहिए, जो भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पोर्नग्रेसिओं/वामिओ/जेहादिओं की अम्मी 😂😁
के साथ देश

इतिहास में दर्ज सोनिया गांधी का एक और काला कारनामा !

इटली की नागरिक होते हुए सोनियां गांधी ने वर्ष 1980 में भारतीय मतदाता सूचि में अपना नाम दर्ज कराया था .............जबकि सोनिया ने वर्ष 1983 में भारत की नागरिकता ली थी !

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