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डाक्टर प्रियंका रेड्डी ने कल रात अपने घर फोन करके बताया कि उनकी स्कूटी शमसाबाद, हैदराबाद में पंक्चर हो गई है... यह क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है... वह घबराई हुईं थीं.... उन्होंने अपनी बहन को बताया कि कुछ लोग मदद करने के नाम पर उसकी स्कूटी ले कर.. पंचर ठीक कराने के बहाने उसे कहीं ले जाना चाह रहे हैं... आस पास काफी संदिग्ध लोग इकट्ठे हो रहे हैं... बहन ने डाक्टर प्रियंका से कहा कि वह निकट स्थित टोल बूथ पर जाकर खुद को बचाये... और वह कुछ संबंधियों को लेकर घटना स्थल की ओर दौड़ीं, परंतु....
जब संबंधी उक्त स्थान पर पहुँचे तो वहां से डाक्टर प्रियंका रेड्डी गायब थीं और उनका फोन स्वीच ऑफ आ रहा था ...
अगले दिन प्रातः उसी क्षेत्र के सुनसान इलाके शादनगर में डाक्टर प्रियंका रेड्डी का जला हुआ शव मिला... पोस्टमार्टम से पता चला कि ज़िंदा जलाकर मारने से पूर्व डाक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था ! सिर्फ बलात्कार ही काफी नहीं... हत्या !... जीवित अवस्था मे पेट्रोल छिड़क कर... ! कितनी दर्दनाक मौत दी गई...डाक्टर प्रियंका को...!!
शेष कहने और समझने के लिए कुछ नहीं रह जाता है... जैसी की उम्मीद थी... अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है...
ये कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस देश ने पूरे विश्व को न केवल धन दौलत हीरे जवाहरात के लिए पूरे विश्व को आकर्षित किया बल्कि ज्ञान और संस्कृति के लिए भी पूरे विश्व के दार्शनिकों को आकर्षित किया आज उसी भारत के संस्कृति/ज्ञान/विज्ञान को तथाकथित पश्चिमी दर्शन के अधकचरे अनुचर श्रेष्ठ ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ मानकर स्वयं को विद्वान होने के भ्रम पालकर बैठे हैं। जबकि पूरा विश्व भारत का ऋणी है कि भारत ने उसे पहनना खाना रहना ज्ञान विज्ञान से परिचित कराया।लेकिन इसी भारत मे इस देश में ही जन्म लिए हुए लेकिन मुघलो/अंग्रेज़ो की मिक्स ब्रीड इस देश को विश्व मे पिछड़ा और अंधविश्वास और मूर्खता का देश मानती है इस देश के विरुद्ध दिनरात षड्यंत्र करती रहती है।जब ये अपने ही देश के नही हुए तो और किसी के क्या होंगे।ये सिर्फ शत्रु है जिन्हें शत्रु देश अपना हथियार बनाये हुए हैं भारत के विरुद्ध।
जिनलोगों को महाराष्ट्र के घटनाक्रम में ईमानदारी, सुचिता फलां ढिंका के खतरे में होने का इल्म हिलोरे मार रहा है वो 1947 के पहले और बाद के नेहरुद्दीन के काल का विश्लेषण कर लें।उसके बाद इंदिरा काल का विश्लेषण कर लें। आपका ज्ञान आपके पिछवाड़े में घुस जाएगा अगर आपने अब्बी भी अपना सम्मान खोया नही है।अगर नही तो निःसन्देह आप अरबों मुघलो की नाज़ायज़ औलादे हैं। जय हिंद
छोड़ आये हम वो टुटर की गलियां